जादौन वंशावली
चन्द्रमौलि भगवान सदाशिव के प्रतिरूप सोमदेव से चन्द्र वंश की उत्पत्ति हुयी है । सोम देव(चन्द्र देव) के पुत्र बुद्ध ,बुद्ध के पुरुरवा ,पुरुरवा के पुत्र आयुष ,आयुष के पुत्र नहुष ,नहुष के पुत्र ययाति ,ययाति के पुत्र और चन्द्र वंश के 7 वें वंशधर यदु हुए उन्ही के नाम से यदुवंश या यादव नाम पड़ा जो कि मथुरा के आसपास की ब्रज भाषा में 'य' क9 'ज' उच्चारित किया जाता है अतः यादव के स्थान पर जादव (जाधव) ,जादौ ,और जादौं जो अब जादौन प्रचलित हो गया है ।इसका वंशावली इस प्रकार है ।
1. परम ब्रह्म सदाशिव भगवान चन्द्रमौलि
The Almighty God ,Sadashiv
2. चन्द्रदेव (सोमदेव)
Moon/Lunar
3. बुद्ध देव Budhdev
4. पुरुरवा Pururava
5. आयुष Ayush
6. नहुष Nahush
7. ययाति Yayati
8. यदु (यदुवंश के आदि पुरुष) Yadu
9. क्रोष्ठु Kroshthu
10. बज्रवान Bajravan
11. स्वाहि Svahi
12. रुसेकु Ruseku
13. चित्ररथ Chitratha
14. शशबिन्दु Shashibindu
15. पृथुश्रवा
Prithu Shrava
16. धर्म Dharma
17. उषण Ushana
18. पता Pata
19. रूचक Ruchaka
20. ज्वमध Jvamyadh
21. विदर्भ (विदर्भ राज्य के संस्थापक) Vidharbha (Founder of Vidrbha Empire)
22. कृत्थ Kritatha
23. कुन्ति Kunty
24. धृष्ठि Dhrushti
25. निवृति Nivrita
26. दशाहि Dasahi
27. व्योम Vyoma
28. श्रीमुत् Shrimuta
29. विकृति Vikruti
30. भीमरथ Bhimaratha
31. नवरथ Navaratha
32. दशरथ Dasharatha
33. सकुन Sakuna
34. करम्भि Karimbh
35. देवरात Davarta
36. देवश्रव Davashrva
37. मधु Madhu
38. अनु Anu
39. पुरुहोत्र Puruhotra
40. आयु द्वितीय Ayu II
41. सात्वत (सात्वत् वंश महारथी सात्यकि का वंश) एवं अंधक(जिनसे अंधक वंश ) Sahtavata & Andhaka
42. वृष्णि ( जिनके नाम से वृष्णि वंश ) Vrushni
43. चित्रथ Chitrath /Bhajmana
44. विदूरथ Viduratha
45. सूरसेन( सूरसेन जनपद के संस्थापक ShuraSen इनके अन्य भाई शिनी Shini,भोज Bhoja, हार्दिक Hardika,दवामिध् Davamidha
46. वसुदेव Vasudeva
47. श्री कृष्ण Lord Krishna
48. प्रधुम्न Pradyumna
49. अनिरुद्ध Aniruddha
50. वज्रबाहु ( इनके 8 पुत्र थे जिनमे कृतभान नाभि, प्रतिवाहु,एवं क्षीर प्रमुख थे । नाभि गजपति एवं भाटी के पूर्वज थे । Vajrabahu
51. कृतभान Kritbhana
52. चित्रसेन Chitrasena
53. रविसेन Ravisena
54.विमल देव Vimaldeva
55. त्रिसेन Trisena
56. सर्वणराज Sarvanaraja
58. सिंहराज Sinharaja
59. धात्व राज Dhatvaraja
60. बलदेव Baldeva
61. समंत्री Samantrai
62. दर्शन Durashana
63. समालभूप Samalbhupa
64. सर्वजीत Sarvajita
65. विष्णुजीत Vishnujita
66. इन्द्रसेन IndraSena
67. निर्वाणी Nirvani
68. द्रान्त Dranta
69. धिरुजित Dhirujita
70. सवालराइ Sawalrai
71. भद्रसिंह Bhadrasimha
72. सवान्त्रः Sawantraha
73. धनुसिंघ Dhanu Singh
74. कृष्ण भानु Krishnabhanu
75. सधर्म Sadharma
76. छत्रसेन Chhatrasena
77. बुद्धवीर Buddhavira
78. सावंत Sawanta
79. चंद्रसेन Chandrasena
80. महासेन Mahasena
81. अक्षय Akshya
82. भीमसेन Bhimsena
83. उग्रसेन Ugrasena
84. धर्मसेन Dharamsena
85. विष्णुक्रिति Vishnukirti
86. भूमिसेन Bhumisena
87. भूरिवाह Bhurivaha
88. कृष्णवाह Krishnavaha
89. अग्रराज Aggraraja
90. अनुकूलराज Anukulraja
91. लक्षवीर Lakshvira
92. कृष्णबुद्ध Krishnabuddha
93. संग्रामजीत Sangramjita
94. बुद्धरथ Buddharatha
95. अंगद Angada
96. अन्नजीत Annjita
97. कृष्णदेव Krishandeva
98. अखिसाहि Akhaisahi
99. राजरूप Rajrupa
100. मुद्रसेन Mudrasena
101. नन्दराय Nandrai
102. वीरसेन Virsena
103. सिन्धुपाल Sindhupal
104. जगतपाल Jagadpal
105. विशालपाल Vishalpal
106. संग्राम पाल Sangrampal
107. कीर्ति पाल Kirtipal
108. भोजपाल Bhojpal
109. ताक्षपाल Takshpal
110. अक्षपाल Axpal
111. ब्रह्मपाल Brahmpal
112. चन्द्रपाल Chandrapal
113. संतपाल Santpal
114. विजय पाल Vijaypal
115. थानपाल/ताहनपाल Tahanpal (राजा ताहनपाल के बड़े पुत्र युवराज धर्मपाल थे जो करौली के राजा बने तथा तीसरे पुत्र कुँवर मदनपाल को सिनसिनी का जागीरदार बनाया गया ठाकुर मदनपाल सिनसिनी की पांचवी पीढ़ी में ठाकुर बालचन्द ने एक सूरौठ कुल की जाट कन्या से विवाह कर लिया जिससे उनके वंशज सिनसिनवार जाट कहलाये )
116.धर्मपाल Dharmpal
117. कुँवरपाल Kunwarpal
118. सोहनपाल Sohanpal
119. त्रिलोकपाल Trilokpal
120. गोकुलपाल Gokulpal
121. अर्जुनदेव Arjundev
122. विक्रमादित्य Vikramaditya
123. अभयपाल Abhaypal
124. पृथ्वीपाल Prithvipal
125. उदयपाल Udaipal
126. प्रतापरुद्र Prataprudra
127. चन्द्रसेन द्वितीय Chandrasen II
128. गोपालदास Gopaldas
129. द्वारिकदास Dwarikadas(1588-1604ई.)
130. मुकुंददास Mukunddas(1604-1622)-यादव(जादौन) की मुकुटावट खांप
131. जगपाल Jagpal (1622-1643ई.)
132.छत्रपाल Chhatrpal (1643-1655ई.)
133.धर्मपाल द्वितीय Dharmpal II (1655-1674ई.)
134. रतनपाल Ratanpal (1647-1688ई.)
135. कुँवरपाल द्वितीय Kunwarpal II (1688-1724ई.)
136.गोपाल पाल Gopalpal (1724-1757 ई.)
137. तुरसनपाल Turasanpal (1757-1772ई.)
138. माराकपाल Marakpal (1772-1804 ई)
139. हरवक्षपाल Harvakshpal (1804-1837 ई.)
140. प्रताप पाल Pratappal
(1837-1849 ई.)
141. नरसिंह पाल Narsimhpal
(1849-1854 ई.)
142. मदनपाल Madanpal (1854-1869 ई.)
143. लक्षमणपाल Lakshmanpal (1869-1869 ई.) गोद लिए गए किन्तु हाडौती के राव द्वारा स्वीकार नही थे अतः जयसिंह पाल को सिंहासन का उत्तराधिकारी स्वीकार किया गया ।
144. जयसिंह पाल Jaisingh Pal (1869-1876 ई.)
145. अर्जुनपाल Arjunpal (1876-1886 ई.)
146. भँवर पाल Bhanwarpal (1886-1927 ई.)
147. भोमपाल Bhompal (1927-1947 ई.)
148. गणेशपाल Ganeshpal (1947-1984 ई.)
149. कृष्णचंद्र पाल Krishna Chandra Pal ( 1984- वर्तमान समय तक)
चन्द्रमौलि भगवान सदाशिव के प्रतिरूप सोमदेव से चन्द्र वंश की उत्पत्ति हुयी है । सोम देव(चन्द्र देव) के पुत्र बुद्ध ,बुद्ध के पुरुरवा ,पुरुरवा के पुत्र आयुष ,आयुष के पुत्र नहुष ,नहुष के पुत्र ययाति ,ययाति के पुत्र और चन्द्र वंश के 7 वें वंशधर यदु हुए उन्ही के नाम से यदुवंश या यादव नाम पड़ा जो कि मथुरा के आसपास की ब्रज भाषा में 'य' क9 'ज' उच्चारित किया जाता है अतः यादव के स्थान पर जादव (जाधव) ,जादौ ,और जादौं जो अब जादौन प्रचलित हो गया है ।इसका वंशावली इस प्रकार है ।
1. परम ब्रह्म सदाशिव भगवान चन्द्रमौलि
The Almighty God ,Sadashiv
2. चन्द्रदेव (सोमदेव)
Moon/Lunar
3. बुद्ध देव Budhdev
4. पुरुरवा Pururava
5. आयुष Ayush
6. नहुष Nahush
7. ययाति Yayati
8. यदु (यदुवंश के आदि पुरुष) Yadu
9. क्रोष्ठु Kroshthu
10. बज्रवान Bajravan
11. स्वाहि Svahi
12. रुसेकु Ruseku
13. चित्ररथ Chitratha
14. शशबिन्दु Shashibindu
15. पृथुश्रवा
Prithu Shrava
16. धर्म Dharma
17. उषण Ushana
18. पता Pata
19. रूचक Ruchaka
20. ज्वमध Jvamyadh
21. विदर्भ (विदर्भ राज्य के संस्थापक) Vidharbha (Founder of Vidrbha Empire)
22. कृत्थ Kritatha
23. कुन्ति Kunty
24. धृष्ठि Dhrushti
25. निवृति Nivrita
26. दशाहि Dasahi
27. व्योम Vyoma
28. श्रीमुत् Shrimuta
29. विकृति Vikruti
30. भीमरथ Bhimaratha
31. नवरथ Navaratha
32. दशरथ Dasharatha
33. सकुन Sakuna
34. करम्भि Karimbh
35. देवरात Davarta
36. देवश्रव Davashrva
37. मधु Madhu
38. अनु Anu
39. पुरुहोत्र Puruhotra
40. आयु द्वितीय Ayu II
41. सात्वत (सात्वत् वंश महारथी सात्यकि का वंश) एवं अंधक(जिनसे अंधक वंश ) Sahtavata & Andhaka
42. वृष्णि ( जिनके नाम से वृष्णि वंश ) Vrushni
43. चित्रथ Chitrath /Bhajmana
44. विदूरथ Viduratha
45. सूरसेन( सूरसेन जनपद के संस्थापक ShuraSen इनके अन्य भाई शिनी Shini,भोज Bhoja, हार्दिक Hardika,दवामिध् Davamidha
46. वसुदेव Vasudeva
47. श्री कृष्ण Lord Krishna
48. प्रधुम्न Pradyumna
49. अनिरुद्ध Aniruddha
50. वज्रबाहु ( इनके 8 पुत्र थे जिनमे कृतभान नाभि, प्रतिवाहु,एवं क्षीर प्रमुख थे । नाभि गजपति एवं भाटी के पूर्वज थे । Vajrabahu
51. कृतभान Kritbhana
52. चित्रसेन Chitrasena
53. रविसेन Ravisena
54.विमल देव Vimaldeva
55. त्रिसेन Trisena
56. सर्वणराज Sarvanaraja
58. सिंहराज Sinharaja
59. धात्व राज Dhatvaraja
60. बलदेव Baldeva
61. समंत्री Samantrai
62. दर्शन Durashana
63. समालभूप Samalbhupa
64. सर्वजीत Sarvajita
65. विष्णुजीत Vishnujita
66. इन्द्रसेन IndraSena
67. निर्वाणी Nirvani
68. द्रान्त Dranta
69. धिरुजित Dhirujita
70. सवालराइ Sawalrai
71. भद्रसिंह Bhadrasimha
72. सवान्त्रः Sawantraha
73. धनुसिंघ Dhanu Singh
74. कृष्ण भानु Krishnabhanu
75. सधर्म Sadharma
76. छत्रसेन Chhatrasena
77. बुद्धवीर Buddhavira
78. सावंत Sawanta
79. चंद्रसेन Chandrasena
80. महासेन Mahasena
81. अक्षय Akshya
82. भीमसेन Bhimsena
83. उग्रसेन Ugrasena
84. धर्मसेन Dharamsena
85. विष्णुक्रिति Vishnukirti
86. भूमिसेन Bhumisena
87. भूरिवाह Bhurivaha
88. कृष्णवाह Krishnavaha
89. अग्रराज Aggraraja
90. अनुकूलराज Anukulraja
91. लक्षवीर Lakshvira
92. कृष्णबुद्ध Krishnabuddha
93. संग्रामजीत Sangramjita
94. बुद्धरथ Buddharatha
95. अंगद Angada
96. अन्नजीत Annjita
97. कृष्णदेव Krishandeva
98. अखिसाहि Akhaisahi
99. राजरूप Rajrupa
100. मुद्रसेन Mudrasena
101. नन्दराय Nandrai
102. वीरसेन Virsena
103. सिन्धुपाल Sindhupal
104. जगतपाल Jagadpal
105. विशालपाल Vishalpal
106. संग्राम पाल Sangrampal
107. कीर्ति पाल Kirtipal
108. भोजपाल Bhojpal
109. ताक्षपाल Takshpal
110. अक्षपाल Axpal
111. ब्रह्मपाल Brahmpal
112. चन्द्रपाल Chandrapal
113. संतपाल Santpal
114. विजय पाल Vijaypal
115. थानपाल/ताहनपाल Tahanpal (राजा ताहनपाल के बड़े पुत्र युवराज धर्मपाल थे जो करौली के राजा बने तथा तीसरे पुत्र कुँवर मदनपाल को सिनसिनी का जागीरदार बनाया गया ठाकुर मदनपाल सिनसिनी की पांचवी पीढ़ी में ठाकुर बालचन्द ने एक सूरौठ कुल की जाट कन्या से विवाह कर लिया जिससे उनके वंशज सिनसिनवार जाट कहलाये )
116.धर्मपाल Dharmpal
117. कुँवरपाल Kunwarpal
118. सोहनपाल Sohanpal
119. त्रिलोकपाल Trilokpal
120. गोकुलपाल Gokulpal
121. अर्जुनदेव Arjundev
122. विक्रमादित्य Vikramaditya
123. अभयपाल Abhaypal
124. पृथ्वीपाल Prithvipal
125. उदयपाल Udaipal
126. प्रतापरुद्र Prataprudra
127. चन्द्रसेन द्वितीय Chandrasen II
128. गोपालदास Gopaldas
129. द्वारिकदास Dwarikadas(1588-1604ई.)
130. मुकुंददास Mukunddas(1604-1622)-यादव(जादौन) की मुकुटावट खांप
131. जगपाल Jagpal (1622-1643ई.)
132.छत्रपाल Chhatrpal (1643-1655ई.)
133.धर्मपाल द्वितीय Dharmpal II (1655-1674ई.)
134. रतनपाल Ratanpal (1647-1688ई.)
135. कुँवरपाल द्वितीय Kunwarpal II (1688-1724ई.)
136.गोपाल पाल Gopalpal (1724-1757 ई.)
137. तुरसनपाल Turasanpal (1757-1772ई.)
138. माराकपाल Marakpal (1772-1804 ई)
139. हरवक्षपाल Harvakshpal (1804-1837 ई.)
140. प्रताप पाल Pratappal
(1837-1849 ई.)
141. नरसिंह पाल Narsimhpal
(1849-1854 ई.)
142. मदनपाल Madanpal (1854-1869 ई.)
143. लक्षमणपाल Lakshmanpal (1869-1869 ई.) गोद लिए गए किन्तु हाडौती के राव द्वारा स्वीकार नही थे अतः जयसिंह पाल को सिंहासन का उत्तराधिकारी स्वीकार किया गया ।
144. जयसिंह पाल Jaisingh Pal (1869-1876 ई.)
145. अर्जुनपाल Arjunpal (1876-1886 ई.)
146. भँवर पाल Bhanwarpal (1886-1927 ई.)
147. भोमपाल Bhompal (1927-1947 ई.)
148. गणेशपाल Ganeshpal (1947-1984 ई.)
149. कृष्णचंद्र पाल Krishna Chandra Pal ( 1984- वर्तमान समय तक)