Saturday, 17 June 2017

यदुवंशी राजपूत

जादौन वंशावली

चन्द्रमौलि भगवान सदाशिव के प्रतिरूप सोमदेव से चन्द्र वंश की उत्पत्ति हुयी है । सोम देव(चन्द्र देव) के पुत्र बुद्ध ,बुद्ध के पुरुरवा ,पुरुरवा के पुत्र आयुष ,आयुष के पुत्र नहुष ,नहुष के पुत्र ययाति ,ययाति के पुत्र और चन्द्र वंश के 7 वें वंशधर यदु हुए उन्ही के नाम से यदुवंश या यादव नाम पड़ा जो कि मथुरा के आसपास की ब्रज भाषा में 'य' क9 'ज' उच्चारित किया जाता है अतः यादव के स्थान पर जादव (जाधव) ,जादौ ,और जादौं जो अब जादौन प्रचलित हो गया है ।इसका वंशावली इस प्रकार है ।
1. परम ब्रह्म सदाशिव भगवान चन्द्रमौलि
The Almighty God ,Sadashiv

2. चन्द्रदेव (सोमदेव)
 Moon/Lunar

3. बुद्ध देव Budhdev

4. पुरुरवा Pururava

5. आयुष Ayush

6. नहुष Nahush

7. ययाति Yayati

8. यदु (यदुवंश के आदि पुरुष) Yadu

9. क्रोष्ठु Kroshthu

10.  बज्रवान Bajravan

11. स्वाहि Svahi

12. रुसेकु Ruseku

13. चित्ररथ Chitratha

14. शशबिन्दु Shashibindu

15. पृथुश्रवा
Prithu Shrava

16. धर्म  Dharma

17. उषण Ushana

18. पता Pata

19. रूचक Ruchaka

20. ज्वमध Jvamyadh

21. विदर्भ (विदर्भ राज्य के संस्थापक) Vidharbha (Founder of Vidrbha Empire)

22. कृत्थ Kritatha

23. कुन्ति Kunty

24. धृष्ठि Dhrushti

25. निवृति Nivrita

26. दशाहि Dasahi

27. व्योम Vyoma

28. श्रीमुत् Shrimuta

29. विकृति Vikruti

30. भीमरथ Bhimaratha

31. नवरथ Navaratha

32. दशरथ Dasharatha

33. सकुन Sakuna

34. करम्भि Karimbh

35. देवरात Davarta

36. देवश्रव Davashrva

37. मधु Madhu

38. अनु Anu

39. पुरुहोत्र Puruhotra

40. आयु द्वितीय Ayu II

41. सात्वत (सात्वत् वंश महारथी सात्यकि का वंश) एवं अंधक(जिनसे अंधक वंश ) Sahtavata & Andhaka

42. वृष्णि ( जिनके नाम से वृष्णि वंश ) Vrushni

43. चित्रथ Chitrath /Bhajmana

44. विदूरथ Viduratha

45. सूरसेन( सूरसेन जनपद के संस्थापक ShuraSen इनके अन्य भाई शिनी Shini,भोज Bhoja, हार्दिक Hardika,दवामिध् Davamidha

46. वसुदेव Vasudeva

47. श्री कृष्ण Lord Krishna

48. प्रधुम्न Pradyumna

49. अनिरुद्ध Aniruddha

50. वज्रबाहु ( इनके 8 पुत्र थे जिनमे कृतभान नाभि, प्रतिवाहु,एवं क्षीर प्रमुख थे । नाभि गजपति एवं भाटी के पूर्वज थे । Vajrabahu

51. कृतभान Kritbhana

52. चित्रसेन Chitrasena

53. रविसेन Ravisena

54.विमल देव Vimaldeva

55. त्रिसेन Trisena

56. सर्वणराज Sarvanaraja

58.  सिंहराज Sinharaja

59. धात्व राज Dhatvaraja

60. बलदेव Baldeva

61. समंत्री Samantrai

62. दर्शन Durashana

63. समालभूप Samalbhupa

64. सर्वजीत Sarvajita

65. विष्णुजीत Vishnujita

66. इन्द्रसेन IndraSena

67. निर्वाणी Nirvani

68. द्रान्त Dranta

69. धिरुजित Dhirujita

70. सवालराइ Sawalrai

71.  भद्रसिंह  Bhadrasimha

72. सवान्त्रः Sawantraha

73. धनुसिंघ Dhanu Singh

74. कृष्ण भानु Krishnabhanu

75. सधर्म  Sadharma

76. छत्रसेन Chhatrasena

77. बुद्धवीर Buddhavira

78. सावंत Sawanta

79. चंद्रसेन Chandrasena

80. महासेन Mahasena

81. अक्षय  Akshya

82. भीमसेन Bhimsena

83. उग्रसेन Ugrasena

84. धर्मसेन Dharamsena

85. विष्णुक्रिति Vishnukirti

86. भूमिसेन Bhumisena

87. भूरिवाह Bhurivaha

88. कृष्णवाह Krishnavaha

89. अग्रराज Aggraraja

90. अनुकूलराज Anukulraja

91.  लक्षवीर Lakshvira

92.  कृष्णबुद्ध Krishnabuddha

93. संग्रामजीत  Sangramjita

94. बुद्धरथ Buddharatha

95. अंगद Angada

96. अन्नजीत Annjita

97. कृष्णदेव Krishandeva

98. अखिसाहि Akhaisahi

99. राजरूप Rajrupa

100. मुद्रसेन Mudrasena

101. नन्दराय Nandrai

102. वीरसेन Virsena

103. सिन्धुपाल Sindhupal

104. जगतपाल Jagadpal

105. विशालपाल Vishalpal

106. संग्राम पाल Sangrampal

107. कीर्ति पाल Kirtipal

108. भोजपाल Bhojpal

109. ताक्षपाल Takshpal

110. अक्षपाल Axpal

111. ब्रह्मपाल Brahmpal

112. चन्द्रपाल Chandrapal

113. संतपाल Santpal

114. विजय पाल Vijaypal

115. थानपाल/ताहनपाल Tahanpal (राजा ताहनपाल के बड़े पुत्र युवराज धर्मपाल थे जो करौली के राजा बने तथा तीसरे पुत्र कुँवर मदनपाल को सिनसिनी का जागीरदार बनाया गया ठाकुर मदनपाल सिनसिनी की पांचवी पीढ़ी में ठाकुर बालचन्द ने एक सूरौठ कुल की जाट कन्या से विवाह कर लिया जिससे उनके वंशज सिनसिनवार जाट कहलाये )
116.धर्मपाल Dharmpal

117. कुँवरपाल Kunwarpal

118. सोहनपाल Sohanpal

119. त्रिलोकपाल Trilokpal

120. गोकुलपाल Gokulpal

121. अर्जुनदेव Arjundev

122. विक्रमादित्य Vikramaditya

123. अभयपाल Abhaypal

124. पृथ्वीपाल Prithvipal

125. उदयपाल Udaipal

126. प्रतापरुद्र Prataprudra

127. चन्द्रसेन द्वितीय Chandrasen II

128. गोपालदास Gopaldas

129. द्वारिकदास Dwarikadas(1588-1604ई.)

130. मुकुंददास Mukunddas(1604-1622)-यादव(जादौन) की मुकुटावट खांप

131. जगपाल Jagpal (1622-1643ई.)

132.छत्रपाल Chhatrpal (1643-1655ई.)

133.धर्मपाल द्वितीय Dharmpal II (1655-1674ई.)

134. रतनपाल Ratanpal (1647-1688ई.)

135. कुँवरपाल द्वितीय Kunwarpal II (1688-1724ई.)

136.गोपाल पाल Gopalpal (1724-1757 ई.)

137. तुरसनपाल Turasanpal (1757-1772ई.)

138. माराकपाल Marakpal (1772-1804 ई)

139. हरवक्षपाल Harvakshpal  (1804-1837 ई.)

140. प्रताप पाल Pratappal
(1837-1849 ई.)

141. नरसिंह पाल Narsimhpal
(1849-1854 ई.)

142. मदनपाल Madanpal (1854-1869 ई.)

143. लक्षमणपाल Lakshmanpal (1869-1869 ई.) गोद लिए गए किन्तु हाडौती के राव द्वारा स्वीकार नही थे अतः जयसिंह पाल को सिंहासन का उत्तराधिकारी स्वीकार किया गया ।

144. जयसिंह पाल Jaisingh Pal (1869-1876 ई.)

145. अर्जुनपाल Arjunpal (1876-1886 ई.)

146. भँवर पाल Bhanwarpal (1886-1927 ई.)

147. भोमपाल Bhompal  (1927-1947 ई.)

148. गणेशपाल Ganeshpal (1947-1984 ई.)

149. कृष्णचंद्र पाल Krishna Chandra Pal ( 1984- वर्तमान समय तक)



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